सब बच्चे मिल कर खाना बनाना सीख रहे हैं
लड़के और लड़की में कोई भेद भाव नहीं
एक निश्छल सी मुस्कान के साथ और फिर घर जा कर अपनी माँ की मदद भी करते हैं
बहुत प्यार और मेल जोल जो कहीं देखने को नहीं मिलता
आजकल अधिकतर माए काम करती हैं इस लिए बच्चो की चिंता भी रहती है जो की स्वाभाविक भी है
लेकिन इन बच्चो को सब प्यार से सिखाया जाता है की
कैसे माँ को चिंता मुक्त करना है और खुद कैसे स्वादिष्ट खाना बना कर खाना है
लड़के और लड़की में कोई भेद भाव नहीं
एक निश्छल सी मुस्कान के साथ और फिर घर जा कर अपनी माँ की मदद भी करते हैं
बहुत प्यार और मेल जोल जो कहीं देखने को नहीं मिलता
आजकल अधिकतर माए काम करती हैं इस लिए बच्चो की चिंता भी रहती है जो की स्वाभाविक भी है
लेकिन इन बच्चो को सब प्यार से सिखाया जाता है की
कैसे माँ को चिंता मुक्त करना है और खुद कैसे स्वादिष्ट खाना बना कर खाना है