School Bus
बच्चे कैसे न जायें स्कूल
जब ऐसी बस लेने आये तो
लेकिन ये सब ४ साल से छोटे बच्चो का मन लुभाने के लिये है
इनका प्रयोग भी माता पिता बहुत मजबूरी में करते हैं
नही तो हर माँ / बाप ... ज्यादातर माँ ही सुबह अपनी कार पर बच्चे को स्कूल छोड़ने और लेने जाती है
बच्चे को स्कूल बस के हवाले न कर के खुद रोज़ जाना कितना भी मुश्किल क्यों न हो
लेकिन सब खुशी खुशी करते हैं
बहुत ही अच्छा लगता है से सब देख कर







नन्हे-नन्हे बच्चे और भारी-भारी बस्ते। सुबह और दोपहर के समय यह नजारा बेहद आम होता है। पीठ पर कापी-किताबों से लदे बैग से दबे इन बच्चे को देखकर अक्सर बोझा ढोने वाले मजदूरों की याद आ जाती है।




